Twitter ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट्स, अकाउंट्स और यूआरएल को हटाने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को केंद्र सरकार के अकाउंट्स ब्लॉकिंग आदेशों के खिलाफ लगाई गई याचिका में कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने बुधवार को ट्विटर की याचिका की सुनवाई 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मामले में अपनी दलीलें पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था, जिसके बाद न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित ने मामले को आगामी तारीख तक स्थगित कर दिया।
बता दें कि ट्विटर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट्स, अकाउंट्स और यूआरएल को हटाने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ट्विटर ने जून 2022 में दायर अपनी याचिका में दावा किया है कि केंद्र को उन ट्विटर हैंडल के मालिकों को नोटिस जारी करने की आवश्यकता है जिनके खिलाफ ट्विटर पर अकाउंट ब्लॉकिंग आदेश जारी किए गए हैं। ट्विटर के दावे के मुताबिक उसे अपने इन अकाउंट्स को टेकडाउन के बारे में जानकारी देने से भी रोक गया है।
ट्विटर की ओर से पिछले दो महीनों में वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार और अशोक हरनहल्ली ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क दिया है। ट्विटर की ओर से अब तक की मुख्य दलील यह है कि सरकार के ब्लॉक करने के आदेश श्रेया सिंघल मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ हैं। दरअसल, यह वह मामला था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए को रद्द कर दिया था।
ट्विटर ने यह भी तर्क दिया है कि जिनके अकाउंट्स को डाउन किया जाना है उन्हें पहले इसके लिए नोटिस दिया जाना चाहिए। इस दौरान ट्विटर ने उन अकाउंट्स, ट्वीट्स और URL की लिस्ट भी प्रस्तुत की है जिन्हें सरकार ने 2 फरवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2022 के बीच हटाने के लिए कहा है। बता दें कि केंद्र सरकार के अपने पिछले 10 आदेशों में माइक्रोब्लॉगिंग साइट को 1,474 अकाउंट्स , 175 ट्वीट्स, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने के लिए कहा था।
हालांकि, ट्विटर इनमें से 39 URL से संबंधित आदेशों को चुनौती दे रहा है। पहले की सुनवाई में, ट्विटर ने 300 पेज का संकलन भी प्रस्तुत किया था और बताया था विभिन्न देशों में इस तरह के मुद्दों को कैसे संभाला जाता है। ट्विटर ने दावा किया है कि आदेश आईटी अधिनियम की धारा 69ए के अनुरूप नहीं हैं।